पार्श्वपुराण
From जैनकोष
पार्श्वपुराण नाम के कई ग्रन्थ लिखे गये हैं।
- पदा कीर्ति (ई. ९४२) कृत संस्कृत काव्य जिसमें ९ अधिकार हैं। यह १६०० श्लोक प्रमाण है। कविवर भूधरदास जी (वि. १७८९) ने इसका भाषानुवाद किया है।
- वादि राज (ई.१०२५) कृत ‘पार्श्वनाथ चरित्र’ नामक संस्कृत काव्य। (ती./३/९२)।
- पद्मकीर्ति (ई. १०७७) कृत अपभ्रंश काव्य। (ती./३/२०५)।
- सकलकीर्ति (ई. १४०६-१४४२) कृत संस्कृत रचना। (ती./३/३३४)।
- कवि रइधु (ई. १४३९) कृत अपभ्रंश काव्य (ती./४/१९८)।
- वादि चन्द्र (वि.१६३७-१६६४) कृत १५८० छन्द प्रमाण। (ती./४/७२)।