पूर्णभद्र
From जैनकोष
यक्ष जाति के व्यन्तर देवों का एक भेद - देखें - यक्ष ; २.इन यक्ष जाति के देवों ने बहुरूपिणी विद्या सिद्ध करते समय रावण की रक्षा की थी। ३. ह.प./४३/१४९-१५८ अयोध्या नगरी के समुद्रदत्त सेठ का पुत्र था। अणुव्रत धारण कर सौधर्मस्वर्ग में उत्पन्न हुआ। यह कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्नकुमार का पूर्व का पाँचवाँ भव है। - देखें - प्रद्युम्न।