प्रकीर्णक तारे
From जैनकोष
ति.प./७/४९४ दुविहा चररअचराओ पइण्णताराओ। = प्रकीर्णक तारे चर और अचर दो प्रकार के होते हैं।
- प्रकीर्णक तारों का अवस्थान व संख्या - देखें - ज्योतिष / २ / ३ -४।
ति.प./७/४९४ दुविहा चररअचराओ पइण्णताराओ। = प्रकीर्णक तारे चर और अचर दो प्रकार के होते हैं।