प्रजापाल
From जैनकोष
सुकच्छ देश के श्रीपुर नगर का राजा था । जिन दीक्षाधारण कर ली थी । आयु के अन्त में समाधि सहित मरणकर अच्युत स्वर्ग में उत्पन्न हुआ । (म.प्र./६६/६७-७५) यह पद्म चक्रवर्ती का पूर्व तीसरा भव है - देखें - पद्म ।
सुकच्छ देश के श्रीपुर नगर का राजा था । जिन दीक्षाधारण कर ली थी । आयु के अन्त में समाधि सहित मरणकर अच्युत स्वर्ग में उत्पन्न हुआ । (म.प्र./६६/६७-७५) यह पद्म चक्रवर्ती का पूर्व तीसरा भव है - देखें - पद्म ।