प्रतिरूपक
From जैनकोष
स.सि./७/२७/३६७/८ कृत्रिमैर्हिरण्यादिभिर्वञ्चनापूर्वको व्यवहारः प्रतिरूपकव्यवहारः । = बनावटी चाँदी आदि से कपटपूर्वक व्यवहार करना प्रतिरूपक व्यवहार है । (रा.वा./७/२७/५/५५४/१७) इसमें मायाचारी का भी दोष आता है - देखें - माया / २ ।