प्रतिलोम क्रम
From जैनकोष
पं. ध./पू./२८७ भाषा - सामान्य की मुख्यता तथा विशेष की गौणता करने से जो अस्ति-नास्तिरूप वस्तु प्रतिपादित होती है उसे अनुलोम क्रम कहते हैं । तथा विशेष की मुख्यता और सामान्य की गौणता करने से जो अस्तिनास्तिरूप वस्तु प्रतिपादित होती है उसे प्रतिलोम क्रम कहते हैं ।