प्रवचनाद्धा
From जैनकोष
ध. १३/५,५,५०/२८४/२ अद्धा कालः, प्रकृष्टानां शोभनानां वचनानामद्धा कालः यस्यां श्रुतौ सा पवयणद्धा श्रुतज्ञानम् । = अद्धा काल को कहते हैं, प्रकृष्ट अर्थात् शोभन वचनों का काल जिस श्रुति में होता है, वह प्रवचनाद्धा अर्थात् श्रुतज्ञान है ।