प्रश्नोत्तर श्रावकाचार
From जैनकोष
आ. सकलकीर्ति (ई. १४०६-१४४२) द्वारा विरचित संस्कृत ग्रन्थ है । इसमें २४ सर्ग और ४६२८ पद्य हैं । जिनमें २५४१ प्रश्नों का उत्तर देकर श्रावकों के आचार का विशद वर्णन किया गया है । (ती./३/३३३) ।
आ. सकलकीर्ति (ई. १४०६-१४४२) द्वारा विरचित संस्कृत ग्रन्थ है । इसमें २४ सर्ग और ४६२८ पद्य हैं । जिनमें २५४१ प्रश्नों का उत्तर देकर श्रावकों के आचार का विशद वर्णन किया गया है । (ती./३/३३३) ।