भगवतीदास
From जैनकोष
- दिल्ली गद्दी के भट्टारक महीन्द्र के शिष्य अम्बाला निवासी एक अपभ्रंश कवि जिन्होंने अन्त समय में मुनिव्रत धारण करके समाधिपूर्वक देहत्याग किया था। कृतियें―टंडाणा रास, बनजारा रास, आदित्यवार रास, पखवारा रास, खिचड़ी रास, समाधि रास, योगी रास, मनकरहा रास, रीहिणीव्रत रास, अनन्त चतुर्दशी चौपाई, चुनड़ी मुक्ति रमणी, ढमाल राजमती नेमीसुर संज्ञानी ढमाल, वीर जिनेन्द्र स्तुति, आदिनाथ-शान्तिनाथ विनती, अनथमी, अनुप्रेक्षाभावना, सुगन्ध दशमी कथा, आदित्यवार कथा। समय–कृतियों का रचना काल वि. १६८०-१७०० (ई. १६२३-१६४३)। (ती./४/२३८)।
- ब्रह्म विलास आदि के कर्ता भैया भगवतीदास नामक एक गृहस्थ कवि। समय–वि. १७३१-१७५५ (ई.१६७४-१६९८)। (ती./४/२६३)। (१४६ कामता)।