भावना पचीसीव्रत
From जैनकोष
प्रथम दश दशमी के १०, पाँच पंचमी के ५, आठ अष्टमी के ८, दो पडिमा के २, इस प्रकार पाँच माह पर्यन्त २५ उपवास करे, तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप करे। (व्रत विधान सं./पृ.४९)।
प्रथम दश दशमी के १०, पाँच पंचमी के ५, आठ अष्टमी के ८, दो पडिमा के २, इस प्रकार पाँच माह पर्यन्त २५ उपवास करे, तथा नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप करे। (व्रत विधान सं./पृ.४९)।