मल्लवादी
From जैनकोष
- द्वादशार नयचक्र (प्रथम) के कर्ता एक आचार्य। समय-वि. सं. ४१४ (ई. ३५७), (जै./२/३३०)।
- एक तार्किक श्वेताम्बराचार्य थे। आ. विद्यानन्दि के समक्ष जो नयचक्र विद्यमान था वह सम्भवत: इन्हीं की रचना थी। इनके नयचक्र पर उप. यशोभद्रजी ने टीका लिखी है। कृतियाँ–नयचक्र, सन्मति टीका। समय–वि.श. ८-९ (ई.श. ८ का अन्त); (न.च./प्र.२/प्रेमीजी)।