माणिक्यनंदि
From जैनकोष
- नन्दिसंघ बलात्कारगण की गुर्वावली के अनुसार आप रत्ननन्दि के शिष्य तथा मेघचन्द्र के गुरु थे। समय–विक्रम शक. सं. ५८५-६०१ (ई. ६६३-६७९);– देखें - इतिहास / ७ / २ ।
- नन्दिसंघ देशीयगण की गुर्वावली के अनुसार आप बालनन्दि (रामनन्दि) के शिष्य तथा प्रभाचन्द्र के गुरु थे। कृति–परीक्षामुख। समय–वि. ९४६-९७१ (ई. १००३-१०२८)– देखें - इतिहास / ७ / ५ । (ती. /३/४३)।