मानस
From जैनकोष
विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर–देखें - विद्याधर।
ध.१३/५,५,६३/३३२/१० मणम्मि भवं लिंगं माणसं, अधवा मणो चेव माणसो। = मन में उत्पन्न हुए चिह्न को मानस कहते हैं अथवा मन की ही संज्ञा मानस है।
विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर–देखें - विद्याधर।
ध.१३/५,५,६३/३३२/१० मणम्मि भवं लिंगं माणसं, अधवा मणो चेव माणसो। = मन में उत्पन्न हुए चिह्न को मानस कहते हैं अथवा मन की ही संज्ञा मानस है।