माय
From जैनकोष
स्व. स्तोत्र/टी./१४१/२६७ मायः प्रमाणं केवलज्ञानलक्षणं आगमस्वरूपं वा। = माय अर्थात् प्रमाण जिसका लक्षण केवलज्ञान या आगमस्वरूप है।
स्व. स्तोत्र/टी./१४१/२६७ मायः प्रमाणं केवलज्ञानलक्षणं आगमस्वरूपं वा। = माय अर्थात् प्रमाण जिसका लक्षण केवलज्ञान या आगमस्वरूप है।