मार्गवाद
From जैनकोष
ध.१३/५,५,५०/२८७/११ एते मार्गा: एतेषामाभासाश्च अनेन कथ्यन्त इति मार्गवाद: सिद्धान्त:। = ये पाँच प्रकार के मार्ग (देखें - म ार्ग) और मार्गाभास जिसके द्वारा कहे जाते हैं वह सिद्धान्त मार्गवाद कहलाता है।
ध.१३/५,५,५०/२८७/११ एते मार्गा: एतेषामाभासाश्च अनेन कथ्यन्त इति मार्गवाद: सिद्धान्त:। = ये पाँच प्रकार के मार्ग (देखें - म ार्ग) और मार्गाभास जिसके द्वारा कहे जाते हैं वह सिद्धान्त मार्गवाद कहलाता है।