मित्रवीर
From जैनकोष
पुन्नाटसंघ की गुर्वावली के अनुसार आप मन्दरार्य के शिष्य तथा बलदेव के गुरु थे। समय–वी.नि. ५९० (ई. ६३)– देखें - इतिहास / ७ / ८ ।
पुन्नाटसंघ की गुर्वावली के अनुसार आप मन्दरार्य के शिष्य तथा बलदेव के गुरु थे। समय–वी.नि. ५९० (ई. ६३)– देखें - इतिहास / ७ / ८ ।