लव
From जैनकोष
- काल का प्रमाण विशेष - देखें - गणित / I / १ / ४ ।
- प.पु./सर्ग/ श्लोक ‘‘परित्यक्त सीता के गर्भ से पुण्डरीक के राजा वज्रजंघ के घर उत्पन्न रामचन्द्र के पुत्र थे (१००/१७-१८)। सिद्धार्थ नामक क्षुल्लक से विद्या प्राप्त की (१००/४७)। नारद के द्वारा राम की प्रशंसा तथा किसी सीता नामक स्त्री के साथ उनका अन्याय सुनकर राम से युद्ध किया (१०२/४५)। राम-लक्ष्मण को युद्ध में हार जाना। अन्त में पिता पुत्र का मिलाप हो गया। (१०३/४१, ४७)। अन्त में मोक्ष प्राप्त किया (१२३/८२)।