चित्रा
From जैनकोष
- एक नक्षत्र–देखें - नक्षत्र ,
- रुचक पर्वत के विमल कूट पर बसने वाली एक विद्युत्कुमारी देवी– देखें - लोक / ५ / १३ ,
- रुचक पर्वत निवासिनी एक दिक्कुमारी– देखें - लोक / ५ / १३ ,
- अनेक प्रकार के वर्णों से युक्त धातुएँ, वप्रक (मरकत), बाकमणि (पुष्पराग), मोचमणि (कदलीवर्णाकार नीलमणि) और मसारगल्ल (विद्रुमवर्ण मसृणपाषाण मणि) धातुएँ हैं, इसलिए इस पृथिवी का ‘चित्रा’ इस नाम से वर्णन किया गया है। (अर्थात् मध्य लोक की १००० योजन मोटी पृथिवी चित्रा कहलाती है।)–देखें - रत्नप्रभा।