तुंबूलाचार्य
From जैनकोष
आपके असली नाम का पता नहीं। तुंबूलर ग्राम में रहने के कारण आपका यह नाम ही प्रसिद्ध है। आप शामकण्ड आचार्य के कुछ पश्चात् हुए हैं। कृति–आपने षट्खण्ड के प्रथम पाँच खण्डों पर चूड़ामणि नाम की टीका लिखी है। समय–ई.श.३-४ (ष.खं./प्र.४९ (H.L.jain)