निषिक्त
From जैनकोष
ध.१४/५,६,२४६/३३२/९ पढमसमए पदेसग्गं णिसित्तं पढमसमयबद्धपदेसग्गं त्ति भणिदं होदि। =प्रथम समय में प्रदेशाग्र निषिक्त किया है। अर्थात् प्रथमसमय जो प्रदेशाग्र बाँधा गया है, यह तात्पर्य है।
ध.१४/५,६,२४६/३३२/९ पढमसमए पदेसग्गं णिसित्तं पढमसमयबद्धपदेसग्गं त्ति भणिदं होदि। =प्रथम समय में प्रदेशाग्र निषिक्त किया है। अर्थात् प्रथमसमय जो प्रदेशाग्र बाँधा गया है, यह तात्पर्य है।