शंबरदेव
From जैनकोष
भगवान् पार्श्वनाथ का पूर्व भव का भाई था। इसने भगवान् पर घोर उपसर्ग किया (म.पु./७३/१३७) अन्त में परम्परा का वैर छोड़कर भगवान् की स्तुति की (७३/१६८) यह कमठ का उत्तर का नवमाँ भव है-देखें - कमठ।
भगवान् पार्श्वनाथ का पूर्व भव का भाई था। इसने भगवान् पर घोर उपसर्ग किया (म.पु./७३/१३७) अन्त में परम्परा का वैर छोड़कर भगवान् की स्तुति की (७३/१६८) यह कमठ का उत्तर का नवमाँ भव है-देखें - कमठ।