शिखरी
From जैनकोष
- जिसके शिखर अर्थात् कूट हो उसकी शिखरी संज्ञा है। यह रूढ संज्ञा है जैसे कि मोर की शिखंडी संज्ञा रूढ है। (यह ऐरावत क्षेत्र के दक्षिण में स्थित पूर्वा पर लम्बायमान वर्षधर पर्वत है)। विशेष - देखें - लोक / ५ / ३ ।
- शिखरी पर्वतस्थ एक कूट व उसका स्वामी देव - देखें - लोक / ५ / ४ ।
- पद्म ह्रद में स्थित एक कूट - देखें - लोक / ५ / ७ ।