श्रीवर्मा
From जैनकोष
म.पु./५४/श्लोक - पुष्कर द्वीप के पूर्व मेरु की पश्चिम दिशा में सुगन्धि नामक देश के श्रीपुर नगर के राजा श्रीषेण (९/३७) का पुत्र था (६८)। एक समय विरक्त हो दीक्षा ले ली, तथा संन्यास मरणकर (८०-८१) स्वर्ग में देव हुआ (८२)। यह चन्द्रप्रभ भगवान् का पूर्व का पाँचवाँ भव है। - देखें - चन्द्रप्रभ।