श्रीषेण
From जैनकोष
म.पु./६२/श्लोक मगध देश का राजा था (३४०)। आदित्यगति नामक मुनि को आहार देकर भोगभूमि का बन्ध किया (३४८-३५०)। एक समय पुत्रों का परस्पर युद्ध होने पर विष खाकर मर गया (३५२-३५५)। यह शान्ति नाथ भगवान् का पूर्व का ११वाँ भव है। - देखें - शान्तिनाथ।