श्रुत पंचमी व्रत
From जैनकोष
पाँच वर्ष तक प्रतिवर्ष ज्येष्ठ शुक्ला ५ को श्रुतावतार के उपलक्ष में उपवास करे। 'ओं ह्रीं द्वादशांगश्रुतज्ञानाय नम:' इस मन्त्र की त्रिकाल जाप करे। (व्रत विधान सं./पृ.१०)।
पाँच वर्ष तक प्रतिवर्ष ज्येष्ठ शुक्ला ५ को श्रुतावतार के उपलक्ष में उपवास करे। 'ओं ह्रीं द्वादशांगश्रुतज्ञानाय नम:' इस मन्त्र की त्रिकाल जाप करे। (व्रत विधान सं./पृ.१०)।