श्रुतावतार
From जैनकोष
- भगवान् महावीर के पश्चात् केवली व श्रुतकेवलियों की मूल परम्परा को ही श्रुतावतार नाम से कहा गया है। - देखें - इतिहास / ४ / १ ।
- आ.इन्द्रनन्दि (ई.श.१०-११) द्वारा रचित प्राकृत गाथाबद्ध भगवान् महावीर के निर्वाण से ६८३ वर्ष पर्यन्त की मूलसंघ की पट्टावली।
- आ.श्रीधर (ई.श.१४) द्वारा रचित प्राकृत छन्दबद्ध ग्रन्थ।