समयसार नाटक
From जैनकोष
पं.बनारसीदास (ई.१६३६) की अद्वितीय आध्यात्मिक रचना है। इसमें १५ अधिकार और ६१६ पद हैं। यह ग्रन्थ समयसार की आत्मख्याति टीका के कलशों के आधार पर लिखा गया है। इस पर पं.सदासुखदास (ई.१७९५-१८६७) ने एक टीका भी लिखी है। (ती./४/२५२)।
पं.बनारसीदास (ई.१६३६) की अद्वितीय आध्यात्मिक रचना है। इसमें १५ अधिकार और ६१६ पद हैं। यह ग्रन्थ समयसार की आत्मख्याति टीका के कलशों के आधार पर लिखा गया है। इस पर पं.सदासुखदास (ई.१७९५-१८६७) ने एक टीका भी लिखी है। (ती./४/२५२)।