सादृश्य
From जैनकोष
स.भ../७४/४-तद्भिन्नत्वे सति तद्गतभूयोधर्मवत्त्वं सादृश्यम् । यथा चन्द्रभिन्नत्वे सति चन्द्रगताह्लादकरत्वादि मुखे चन्द्रसादृश्यम् । = उससे भिन्न हो तथा उसमें रहने वाले धर्म पदार्थ में हों, यही सादृश्य है। जैसे चन्द्रमा से भिन्न रहते चन्द्रगत आह्लादकरत्व वर्तृलाकर युक्तत्व यह चन्द्रसादृश्य मुख में है।