साहसी
From जैनकोष
स्या.म./१८/२४१/९ सहसा अविमर्शात्मकेन बलेन वर्तते साहसिक:। =आगे आने वाले कष्टों को विचारे बिना ही अपनी शिरजोरी से जो सहसा प्रवृत्त हो उसको साहसी कहते हैं।
स्या.म./१८/२४१/९ सहसा अविमर्शात्मकेन बलेन वर्तते साहसिक:। =आगे आने वाले कष्टों को विचारे बिना ही अपनी शिरजोरी से जो सहसा प्रवृत्त हो उसको साहसी कहते हैं।