सिद्धसेन
From जैनकोष
इस नाम के तीन आचार्य प्राप्त होते हैं-सिद्धसेन दिवाकर, सिद्धसेन गणी और सिद्धसेन।
- सिद्धसेन दिवाकर दिगम्बर तथा श्वेताम्बर दोनों आम्नायों में प्रसिद्ध हैं। कृतियें-सन्मति सूत्र, कल्याण मन्दिर स्तोत्र और कुछ द्वात्रिंशिकायें। समय-लगभग वि.६२५। (देखें - परिशिष्ट )।
- सिद्धसेन गणी यद्यपि श्वेताम्बर हैं परन्तु किसी कारणवश इन्हें क्योंकि दिगम्बर संघ का संसर्ग प्राप्त हो गया था इसलिए कुछ दिगम्बर संस्कार भी इनमें पाए जाते हैं। कृतियें-तत्वार्थाधिगम भाष्य वृत्ति, आचारांग सूत्र वृत्ति, न्यायावतार, द्वात्रिंशिकायें। समय-वि.श.८-९। (देखें - परिशिष्ट )।
- पुन्नाट संघ की गुर्वावली के अनुसार अभयसेन प्र.के शिष्य और अभयसेन द्वि.के गुरु। ( देखें - इतिहास / ७ / ८ )।