सुधर्म
From जैनकोष
श्रुतावतार की पट्टावली के अनुसार आप भगवान् वीर के पश्चात् दूसरे केवली हुए। अपर नाम लोहार्य था। समय-वी.नि.१२-१४ (ई.पू.५१५-५०३)- देखें - इतिहास / ४ / ४ ।
श्रुतावतार की पट्टावली के अनुसार आप भगवान् वीर के पश्चात् दूसरे केवली हुए। अपर नाम लोहार्य था। समय-वी.नि.१२-१४ (ई.पू.५१५-५०३)- देखें - इतिहास / ४ / ४ ।