सुप्रतिष्ठ
From जैनकोष
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट- देखें - लोक / ५ / १३ ;
- हस्तिनापुर के राजा श्रीचन्द्र का पुत्र था। दीक्षा लेकर ग्यारह अंगों का अध्ययन किया। तथा सोलह कारण भावनाओं का चिन्तवन कर तीर्थंकर प्रकृति का बन्ध किया। समाधिमरण कर अनुत्तर विमान में अहमिन्द्र पद पाया। (म.पु./७०/५१-५९) यह नेमिनाथ भगवान् का पूर्व का दूसरा भव है।-देखें - नेमिनाथ।
- यह पंचम रुद्र थे- देखें - शलाका पुरुष / ७ ।