सुभद्र
From जैनकोष
- यक्ष जाति के व्यन्तर देवों का एक भेद-देखें - यक्ष ,
- नवग्रैवेयक का पाँचवाँ पटल व इन्द्रक- देखें - स्वर्ग / ५ / ३ ।
- अरुणीवर द्वीप का रक्षक व्यन्तर देव- देखें - व्यन्तर / ४ / ७ ।
- नन्दीश्वर द्वीप का रक्षक व्यन्तर देव- देखें - व्यन्तर / ४ / ७ ।
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट- देखें - लोक / ५ / १३ ।
- श्रुतावतार की पट्टावली के अनुसार आप भगवान् वीर के पश्चात् मूल गुरु परम्परा में दश अंगधारी अथवा दूसरी मान्यतानुसार केवल आचारांग धारी थे। समय-वी.नि.४६८-४७४ ई.पू.५९-६३- देखें - इतिहास / ४ / ४ ।