सुमति
From जैनकोष
- पूर्व भव नं.२ में धातकी खण्ड में पुष्कलावती देश का राजा था। पूर्व भव में वैजयन्त विमान में अहमिन्द्र हुआ। वर्तमान भव में पंचम तीर्थंकर थे (म.पु./५१/२-१९)। विशेष परिचय- देखें - तीर्थंकर / ५ ।
- आप मल्लवादी नं.१ के शिष्य थे। समय-वि.४३९ (ई.३८३), (सि.वि./प्र.३४ पं.महेन्द्र)।