असद्वेद्य
From जैनकोष
दु:ख और दु:ख की सामग्री का उत्पादक असातावेदनीय कर्म । घातिया कर्मों के नष्ट हो जाने से इस कर्म की शक्ति त अकिंचित्कर हो जाती है । महापुराण 25.40-42
दु:ख और दु:ख की सामग्री का उत्पादक असातावेदनीय कर्म । घातिया कर्मों के नष्ट हो जाने से इस कर्म की शक्ति त अकिंचित्कर हो जाती है । महापुराण 25.40-42