गर्दतोय
From जैनकोष
आठ प्रकार के लौकान्तिक देवों में पाँचवें प्रकार के लौकान्तिक देव । ये ब्रह्मलोक निवासी, पूर्वभव में सम्पूर्ण श्रुतज्ञान के अभ्यासी और महाऋद्धिधारी होते हैं । महापुराण 17.47-50, वीरवर्द्धमान चरित्र 12. 2-8
आठ प्रकार के लौकान्तिक देवों में पाँचवें प्रकार के लौकान्तिक देव । ये ब्रह्मलोक निवासी, पूर्वभव में सम्पूर्ण श्रुतज्ञान के अभ्यासी और महाऋद्धिधारी होते हैं । महापुराण 17.47-50, वीरवर्द्धमान चरित्र 12. 2-8