नाथता
From जैनकोष
पारिव्राज्य सम्बन्धी नवम सूत्रपद । इसमें मुनि इस लोक संबंधी स्वामित्व का परित्याग करके जगत् के जीवों के सेव्य हो जाते हैं । महापुराण 39.163, 177
पारिव्राज्य सम्बन्धी नवम सूत्रपद । इसमें मुनि इस लोक संबंधी स्वामित्व का परित्याग करके जगत् के जीवों के सेव्य हो जाते हैं । महापुराण 39.163, 177