पल्लवक्र
From जैनकोष
कुशस्थल नगर का निवासी एक बाह्मण । यह इन्धक का भाई था । मुनियों को आहार देने के प्रभाव से यह मरकर मध्यम भोगभूमि के हरिक्षेत्र में आर्य हुआ और वहाँ पल्य की आयु भोगकर देव हुआ । पद्मपुराण 59.6-11
कुशस्थल नगर का निवासी एक बाह्मण । यह इन्धक का भाई था । मुनियों को आहार देने के प्रभाव से यह मरकर मध्यम भोगभूमि के हरिक्षेत्र में आर्य हुआ और वहाँ पल्य की आयु भोगकर देव हुआ । पद्मपुराण 59.6-11