पाणिपात्र
From जैनकोष
कर पात्र में आहार ग्रहण करने वाले निर्ग्रन्थ मुनि । इस वृत्ति का प्रवर्तन तीर्थङ्कर वृषभदेव ने किया था । महापुराण 20.89, पद्मपुराण 4.21
कर पात्र में आहार ग्रहण करने वाले निर्ग्रन्थ मुनि । इस वृत्ति का प्रवर्तन तीर्थङ्कर वृषभदेव ने किया था । महापुराण 20.89, पद्मपुराण 4.21