पाण्ड्य
From जैनकोष
(1) भरतक्षेत्र में दक्षिण का एक देश । यहाँ के राजा को भरतेश के सेनापति ने दण्डरत्न द्वारा अपने अधीन किया था । इस देश के लोगों के भुजदण्ड बलिष्ठ थे और उन्हें हाथियों से स्नेह था । युद्ध में वे धनुष और भाला शस्त्रों का अधिक प्रयोग करते थे । महापुराण 29.80, 95
(2) एक पर्वत । भरतेश का सेनापति इस पर्वत को पार कर सेना के साथ आगे बढ़ा था । महापुराण 29.89