पितृमेध
From जैनकोष
एक यज्ञ । इसमें पिता को होमा जाता है । राजा वसु के समय में नारद और पर्वत का अज शब्द के अर्थ पर विवाद हुआ था । पर्वत मरकर एक राक्षस हुआ । उसने इस प्रकार के यज्ञों का प्रचार किया । पद्मपुराण 11. 86
एक यज्ञ । इसमें पिता को होमा जाता है । राजा वसु के समय में नारद और पर्वत का अज शब्द के अर्थ पर विवाद हुआ था । पर्वत मरकर एक राक्षस हुआ । उसने इस प्रकार के यज्ञों का प्रचार किया । पद्मपुराण 11. 86