भवधारण
From जैनकोष
अग्रायणीयपूर्व की पंचम वस्तु के बीस प्राभृतों (पाहुड) में कर्म प्रकृति नामक चौथे प्राभृत के चौबीस योग द्वारों में अठारहवाँ योगद्वार । हरिवंशपुराण 10.81, 84 देखें अग्रायणीयपूर्व
अग्रायणीयपूर्व की पंचम वस्तु के बीस प्राभृतों (पाहुड) में कर्म प्रकृति नामक चौथे प्राभृत के चौबीस योग द्वारों में अठारहवाँ योगद्वार । हरिवंशपुराण 10.81, 84 देखें अग्रायणीयपूर्व