मनःपर्यय
From जैनकोष
ज्ञान के पाँच भेदों में चौथा ज्ञान । यह देश (विकल) प्रत्यक्ष होता है । इसके ऋजुमति और विपुलमति ये दो भेद होते हैं । यह ज्ञान अवधिज्ञान की अपेक्षा सूक्ष्म पदार्थ को विषय करता है । अवधिज्ञान यदि परमाणु को जानता है तो यह उसके अनन्तवें भाग को जानता है । हरिवंशपुराण 2.56, 10.153