लल्लक
From जैनकोष
छठी पृथिवी के तीसरे प्रस्तार का इन्द्रक बिल । इसकी चारों महादिशाओं में आठ और विदिशाओं में चार, कुल बारह श्रेणीबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण 4, 84, 147
छठी पृथिवी के तीसरे प्रस्तार का इन्द्रक बिल । इसकी चारों महादिशाओं में आठ और विदिशाओं में चार, कुल बारह श्रेणीबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण 4, 84, 147