वाक्यालंकार
From जैनकोष
कौतुकमंगल नगर के राजा वैश्रवण का एक दूत । कुंभकर्ण द्वारा इसके राज्य से रत्न, वस्त्र और कन्याएँ आदि अपने नगर ले जाने पर इसने कुंभकर्ण की इस प्रवृत्ति पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए सुमाली के पास इसी दूत के द्वारा समाचार भिजवाया था । पद्मपुराण 8.161-177