सहस्र
From जैनकोष
मुनिवेलाव्रतधारी एक पुरुष । इसने मुनि को आहार दिया था, जिसके प्रभाव से इसके घर रत्नवृष्टि हुई थी । अन्त में मरकर यह कुबेरकान्त सेठ हुआ । पद्मपुराण 14.328
मुनिवेलाव्रतधारी एक पुरुष । इसने मुनि को आहार दिया था, जिसके प्रभाव से इसके घर रत्नवृष्टि हुई थी । अन्त में मरकर यह कुबेरकान्त सेठ हुआ । पद्मपुराण 14.328