सहस्रशीर्ष
From जैनकोष
(1) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25,121
(2) धातकीखण्ड द्वीप के पश्चिम विदेहक्षेत्र में हुआ एक राजा । इसने वन में किसी केवली से अपने दोनों सेवकों के साथ दीक्षा ले ली थी । दोनों सेवक तप कर स्वर्ग गये और इसने मोक्ष प्राप्त किया । पद्मपुराण 5. 128-132