सुरगुरु
From जैनकोष
(1) कुण्डलपुर नगर के राजा सिंहरथ का पुरोहित । महापुराण 62.178, पांडवपुराण 4.103-104
(2) एक चारणऋद्धिधारी मुनि । इन्होंने एक मरते हुए बन्दर को पंचनमस्कार मन्त्र सुनाया था जिसके प्रभाव से वह मरकर सौधर्म स्वर्ग में चित्रांगद नामक देव हुआ । महापुराण 70.135-138