स्त्री-आलोक-वर्जन
From जैनकोष
ब्रह्मचर्य व्रत की पाँच भावनाओं में एक भावना । इनमें स्त्रियों के मनोहर अंगोपांग देखने का त्याग होता है । महापुराण 20.164
ब्रह्मचर्य व्रत की पाँच भावनाओं में एक भावना । इनमें स्त्रियों के मनोहर अंगोपांग देखने का त्याग होता है । महापुराण 20.164