अविनेय
From जैनकोष
( सर्वार्थसिद्धि अध्याय 7/11/349/10) तत्त्वार्थश्रवणग्रहणाभ्यामसंपादितगुणा अविनेयाः।
= जिनमें जीवादि पदार्थोंको सुनने व ग्रहण करनेका गुण नहीं है वे अविनेय कहलाते हैं।
(राजवार्तिक अध्याय 7/11/8/538/29)
( सर्वार्थसिद्धि अध्याय 7/11/349/10) तत्त्वार्थश्रवणग्रहणाभ्यामसंपादितगुणा अविनेयाः।
= जिनमें जीवादि पदार्थोंको सुनने व ग्रहण करनेका गुण नहीं है वे अविनेय कहलाते हैं।
(राजवार्तिक अध्याय 7/11/8/538/29)